Friday, October 28, 2005

कुछ चुटिले सच्चे किस्से

प्रसिद्ध नाटक-लेखक जॉर्ज बर्नार्ड शॉ एक दफा एक प्रीति भोज में किसी महिला से बातें कर कर रहे थे. शॉ लगातार घंटे भर तक अपने बारे में बोलते ही रहे. अचानक उन्हें ध्यान आया कि उन्होंने तो उस महिला को बोलने का कोई मौका ही नहीं दिया. वे उस महिला से बोले, “माफ कीजिएगा, मैं भी कितना अशिष्ट हूँ, सारा समय अपने बारे में ही बात करता रहा. खैर कोई बात नहीं, आइए दूसरे विषय में बात करते हैं. हाँ, तो यह बताइए कि आपको मेरा नया नाटक कैसा लगा?”
एक दिन एक ड्राइवर ने सुप्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग के घर के रोड-साइड में लगे वृक्ष को बस से टकराकर नुकसान पंहुचा दिया. किपलिंग को बड़ा क्रोध आया. उन्होंने बस के मालिक को ड्राइवर की शिकायती चिट्ठी लिख भेजी. बस के मालिक का एक होटल था. उसने होटल में ग्राहकों के समक्ष वह चिट्ठी नीलामी के लिए रख दी. वह चिट्ठी दस शिलिंग में नीलाम हो गई. पत्र का उत्तर नहीं मिलने पर किपलिंग ने और भी कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए बस मालिक को एक पत्र और लिखा. परंतु उस पत्र को भी नीलामी में होटल मालिक ने एक पौंड में बेच दिया.जब फिर जवाब नहीं मिला तो किपलिंग स्वयं गुस्से में आग बबूला होते हुए बस मालिक के पास पहुँचे और बस मालिक को फटकार लगाई.बस मालिक ने माफी माँगते हुए कहा, “महोदय, मैंने आपके पत्रों का उत्तर जानबूझ कर नहीं दिया. मुझे आशा थी कि आप मुझे नित्य ऐसा पत्र भेजते रहेंगे. बस की अपेक्षा आपके पत्रों से मुझे ज्यादा आमदनी होने लगी थी."
आउटलुक के संपादक विनोद मेहता एक पार्टी में गए. वहाँ कुछ नेता आपस में बात कर रहे थे. उनके पास पहुँचते ही कुछ हलचल मची. उनमें से एक ने विनोद मेहता से कहा – “मैं आपकी मौजूदगी में सहज नहीं हूँ.”विनोद मेहता ने कहा, “ऐसा ही होना चाहिए.”
जॉर्ज बर्नार्ड शॉ अंग्रेजी के वर्तनी और उसके उच्चारण दोषों को बिलकुल वाहियात मानते थे. इस बात को सिद्ध करने के लिए उन्होंने एक शब्द रचा – Ghoti.फिर लोगों से इसका उच्चारण पूछा.जाहिर है, कुछ लोगों ने इसका उच्चारण घोटी बताया तो कुछ ने कहा गोटी.बर्नार्ड शॉ ने कहा, नहीं - इसका उच्चारण होगा ‘फ़िश’ सबने आश्चर्य से पूछा, कैसे ?उन्होंने बताया- जैसे Cough में gh = फ़, Women में o= वो, और Nation में ti=श होता है, वैसे ही !

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