Friday, October 28, 2005


"अभिव्यक्ति"
A Live-Magazine of IETians….
(Year:1 ,Vol.:3 ,November 2005)
Institure of Engineering & Technology, Alwar, India
दीप का संदेश है यह
प्रीत का अनुदेश है यह
हो प्रखर ज्योति निराली
यों मनायें हम दिवाली
दीप हम एसे जगाएँ
स्वप्न सोये जाग जाएँ
द्वेष-तम मिट जाए जग से
इस धरा पर प्रेम बरसे.
Dr. V. K. Agarwal, Chairman, IET Group of Institutions
Diwali Wishes
I wish all IETians and their family members a very very happy and healthy Diwali and Id-Ul-Fitr.

For You Mom!!
Gaurav Khandelwal, 3rd Sem, ECE Deptt.
Why are you crying, a young boy asked his Mom?
"Because I'm a woman," she told him.
"I don't understand," he said.
His Mom just hugged him and said, "And you never will, but that's O.K."
....... Later the little boy asked his father, "Why does Mom seem to cry for no reason?".
"All women cry for no reason," was all his Dad could say
...... The little boy grew up and became a man,
still wondering why women cry.
Finally he put in a call to God and when God got back to him,
he asked "God, why do women cry so easily?"
GOD answered......
"When I made woman, I decided she had to be special.
I made her shoulders strong enough
to carry the weight of the world,
yet, made her arms gentle enough to give comfort...
I gave her the inner strength to endure child birth
and the rejection that many times will come
even from her own children. I
gave her a hardness that allows her to keep going
and take care of her family and friends,
even when everyone else gives up,
through sickness and fatigue without complaining....
I gave her the sensitivity to love her children
under any and all circumstances.
Even when her child has hurt her badly....
She has the very special power to
make a child's boo-boo feel better
and to quell a teenager's anxieties and fears....
I gave her strength to care for her husband,
despite faults and I fashioned her from his rib to protect his heart....
I gave her wisdom to know that
a good husband never hurts his wife,
but sometimes tests her strengths
and her resolve to stand beside him unfalteringly....
For all of this hard work,
I also gave her a tear to shed.
It is hers to use whenever needed and !
it is her only weakness....
When you see her cry,
tell her how much you love her,
and all she does for everyone,
and even though she may still cry,
you will have made her heart feel good.
She is special! Please send this to
women you know,
and those with mothers, sisters,
and special women in their lives.
But, also send this to men
so they will understand about
what a wonderful thing a woman is.
Each day is a mountain that must be climbed;
with courage each step gets easier.

Love your Mother Always
and keep her Smiling.

CompuTech Poetry
LOKESH KUMAR, EI&C 3rd Sem.
If a packet hits a pocket on a socket on a port,
And the bus is interrupted as a very last resort,
And the address of the memory makes your floppy disk abort,
Then the socket packet pocket has an error to report!
If your cursor finds a menu item followed by a dash,
And the double-clicking icons put your window in the trash,
And your data is corrupted 'cause the index doesn't hash,
Then your situation's hopeless, and your system's gonna crash!
If the label on your cable on the gable at your house,
Says the network is connected to the button on your mouse,
But your packets want to tunnel to another protocol,
That's repeatedly rejected by the printer down the hall.
And your screen is all distorted by the side effects of gauss,
So your icons in the window are as wavy as a souse,
Then you may as well reboot and go out with a bang,
'Cause as sure as I'm a poet, your system's gonna' hang!
When the copy of your floppy's getting sloppy on the disk,
And the microcode instructions cause unnecessary RISC,
Then you have to flash your memory and you'll want to RAM your ROM,
Quickly turn off your computer 'cause you know it's gonna bomb!

A Short Story
Aditiraj Vyas Final Year BE(IT)

A guy had cancer and he had just a month to live, he liked a girl very much working in CD shop but he never told her. Everyday he used to go to that CD shop and buy a CD to talk to that girl.
After a month he stopped going. When the girl went to his house and asked his mother about him . His mother told her that he is dead and took her to his room .
She saw all the CDs unopened and the girl was very said.
U know why???
Because she had kept chits inside the CDs to let him know how much she loves him.
So better rush n confess now.
गणितिय भाषा में कुछ बेतुकी कविताएँ
(१)
मैं और तुम
वृत्त की परिधि के
अलग अलग कोनों में बैठे
दो बिन्दु हैं,
मैनें तो
अपनें हिस्से का अर्धव्यास पूरा कर लिया,
क्या तुम केन्द्र पर
मुझसे मिलनें के लिये आओगी ?
(२)
मैनें कई बार
कोशिश की है
तुम से दूर जानें की,
लेकिन मीलों चलनें के बाद
जब मुड़ कर देखता हूँ
तो तुम्हें
उतना ही करीब पाता हूँ
तुम्हारे इर्द गिर्द
वृत्त की परिधि
बन कर रह गया हूँ मैं
(३)
तुम्हारे बताये अनुसार
मैं चली तो थी
अर्धव्यास की दूरी तय करके तुमसे मिलने को
मैं पहुंचने ही वाली थी केन्द्र पर
कि एक जीवा (chord)रास्ते में आ गई
रोक लिया रास्ता उसने मेरा
मुझे साफ सुनाई दे रही
तुम्हारी बेचैन सांसें
जीवा -जो कि वास्तव में व्यास था
वृत्त का फूल पिचक रहा था
हमारी सांसों के स्पंदन से
पर हम उसे पिघला न सके
कहीं कुछ कमी रही होगी
हमारी ऊष्मा में ।
मैं लौट आयी चुपचाप
उल्टे पैर परिधि पर
तुम्हारी सांसों की गरमी का अहसास लिये।
(४)
हम दोनों
समकोण समद्विबाहु त्रिभुज की
दो संलग्न भुजाओं पर स्थित बिन्दु हैं
दूर भाग रहे हैं एक दूसरे से९० डिग्री का कोण बनाये।
यह हमारा विकर्षण नहीं है
न कोई पलायन,
हम भाग रहे हैं उस विकर्ण(Hypotaneous) की ओर
जो इन भुजाओं को जोड़ता है
जिस पर चलने से
हमारे मिलने की कुछ संभावनायें
बाकायदा आबाद हैं।
Abhivyakti CHALLENGE

This time we’ll give you the letters Y-E-A-R. It’s your job to come up with the rest of the word or phrase that goes with each clue. In the example, TEDDY BEAR is a kind of “Soft toy”.
Example:- - - -Y -EAR Soft Toy
1. - Y EAR - Word for word, without reading
2. - - - Y EAR Single worry
3. - - Y - -EA - - R Person engaged in reverie
4. Y E - - - AR - - - Extra Powerful, souped-up
5. - -Y - - - - - - EAR Absolutely transparent
6. - - Y - - EA - - R Place to drop off clothes
7. Y- - EAR Reading Glasses

Write your answer and send to abhivyakti, you can win exciting prizes.


कहाँ से आया शब्द 'Hello' ?
क्या आप बता सकते हैं.... कि आजकल अंगरेजी का सबसे ज्यादा बोला जाने वाला शब्द कौन सा है? जी हाँ, 'Hello'.तो आइए हम अपनी खोज की शुरूआत इसी शब्द से करते हैं.
कुछ लोगों का कहना है कि यह प्राचीन फ्रांसीसी शब्द Hola से निकला है जिसकामतलब है 'कैसे हो' और यह फ्रांसीसी शब्द 1066 ईसवी के नारमन हमले के समय इंगलिस्तान पहुंचा था.लेकिन दो तीन सदियों में इस शब्द का रूप काफ़ी बदल गया है.हाथ मिलाते समय भी सबसे पहले बोलते हैं हेलोअंगरेजी भाषा के कवि चॉसर के ज़माने तक यानी 1300 के बाद यह शब्द Hallow का रूप ले चुका था.
फिर शेक्सपियर के ज़माने में यानी दो सौ साल बाद यही शब्द Halloo के रूप में ढल गया और शिकारियों और मल्लाहों के हत्थे चढ़ा तो इसके कई रूप सामने आए जैसे: Hallloa, Hallooa, Hollo.
वर्ष 1800 तक इस शब्द का एक विशेष रूप तय हो चुका था और वह था Hullo.
कुछ अरसे बाद जब टेलिफ़ोन का अविष्कार हुआ तो इस शब्द को नयी पहचान मिली. शुरूआत में लोग फोन पर हेलो कहने के बजाए पूछा करते थे Are you there?
क्योंकि तब उन्हें यह विश्वास नहीं था कि उनकी आवाज़ दूसरी ओर पहुंच रही है.
लेकिन अमेरिकी अविष्कारक थॉमसन एडिसन को इतना लंबा शब्द पसंद नहीं था. उन्होंने जब पहली बार फ़ोन किया तो उन्हें य़कीन था कि दूसरी ओर उनकी आवाज़ पहुंच रही है. चुनांचे उन्होंने सिर्फ इतना कहा Hello. तब से आज तक दुनिया भर में टेलिफोन पर बात-चीत की शुरूआत इसी शब्द से होती है.

जलजला...
गई रात,
नींद मुझसे शायद खफ़ा थी
मैं बिस्तर पे था, मुझपे लटका था पंखा
मुझे घूरता-हाँफ़ता चल रहा था,
कि जैसे मैं चलता हूँ दफ़्तर से घर को.
निगाहों के आगे वही एक मंजर
ना जाने क्यों रह-रह के आता था मुझको
कहीं जलजला गर मेरे घर भी आता...
मकां ढह के गिरता
तबाह होता कुनबा
मेरे बीवी-बच्चे
मेरे ख्वाब सच्चे
मेरी माँ की फ़ोटो ऒ' बाबा का चश्मा
वो गुल्लू की मस्ती- वो छुट्की की गुडिया
सभी कुछ को मलबा बना कर के जाता
कहीं जलजला गर मेरे घर भी आता.
मेरे ही तो जैसा था कल एक इन्सां,
जो पागल-सा मलबे में कुछ ढूँढता था
जो आँखों में आशा की एक बूँद लेकर
उन आँखों का दीपक वहाँ ढूँढता था
निहत्था, फ़कत अपने दो हाथ लेकर.
तभी कोई आकर के ये बात कहता,
' इमारत ये अब कब्रगाह हो चुकी है'
ये सुनकर दो हाथों की बोझिल कुदालें
बहुत तेज चलने लगी बेतहाशा,
उफ़नने लगी धोंकनी जैसी छाती
लगी बुझने आँखों की इकलॊती आशा
उम्मीदों की बाती.
....अगर जलजला ये मेरे घर भी आता ???
यही सोचता हूँ
यही तुम भी सोचो
यही सोचे दुनिया
.....अगर जलजला ये मेरे घर भी आता???
-संजय विद्रोही
कुछ चुटिले सच्चे किस्से

प्रसिद्ध नाटक-लेखक जॉर्ज बर्नार्ड शॉ एक दफा एक प्रीति भोज में किसी महिला से बातें कर कर रहे थे. शॉ लगातार घंटे भर तक अपने बारे में बोलते ही रहे. अचानक उन्हें ध्यान आया कि उन्होंने तो उस महिला को बोलने का कोई मौका ही नहीं दिया. वे उस महिला से बोले, “माफ कीजिएगा, मैं भी कितना अशिष्ट हूँ, सारा समय अपने बारे में ही बात करता रहा. खैर कोई बात नहीं, आइए दूसरे विषय में बात करते हैं. हाँ, तो यह बताइए कि आपको मेरा नया नाटक कैसा लगा?”
एक दिन एक ड्राइवर ने सुप्रसिद्ध लेखक रुडयार्ड किपलिंग के घर के रोड-साइड में लगे वृक्ष को बस से टकराकर नुकसान पंहुचा दिया. किपलिंग को बड़ा क्रोध आया. उन्होंने बस के मालिक को ड्राइवर की शिकायती चिट्ठी लिख भेजी. बस के मालिक का एक होटल था. उसने होटल में ग्राहकों के समक्ष वह चिट्ठी नीलामी के लिए रख दी. वह चिट्ठी दस शिलिंग में नीलाम हो गई. पत्र का उत्तर नहीं मिलने पर किपलिंग ने और भी कड़े शब्दों का प्रयोग करते हुए बस मालिक को एक पत्र और लिखा. परंतु उस पत्र को भी नीलामी में होटल मालिक ने एक पौंड में बेच दिया.जब फिर जवाब नहीं मिला तो किपलिंग स्वयं गुस्से में आग बबूला होते हुए बस मालिक के पास पहुँचे और बस मालिक को फटकार लगाई.बस मालिक ने माफी माँगते हुए कहा, “महोदय, मैंने आपके पत्रों का उत्तर जानबूझ कर नहीं दिया. मुझे आशा थी कि आप मुझे नित्य ऐसा पत्र भेजते रहेंगे. बस की अपेक्षा आपके पत्रों से मुझे ज्यादा आमदनी होने लगी थी."
आउटलुक के संपादक विनोद मेहता एक पार्टी में गए. वहाँ कुछ नेता आपस में बात कर रहे थे. उनके पास पहुँचते ही कुछ हलचल मची. उनमें से एक ने विनोद मेहता से कहा – “मैं आपकी मौजूदगी में सहज नहीं हूँ.”विनोद मेहता ने कहा, “ऐसा ही होना चाहिए.”
जॉर्ज बर्नार्ड शॉ अंग्रेजी के वर्तनी और उसके उच्चारण दोषों को बिलकुल वाहियात मानते थे. इस बात को सिद्ध करने के लिए उन्होंने एक शब्द रचा – Ghoti.फिर लोगों से इसका उच्चारण पूछा.जाहिर है, कुछ लोगों ने इसका उच्चारण घोटी बताया तो कुछ ने कहा गोटी.बर्नार्ड शॉ ने कहा, नहीं - इसका उच्चारण होगा ‘फ़िश’ सबने आश्चर्य से पूछा, कैसे ?उन्होंने बताया- जैसे Cough में gh = फ़, Women में o= वो, और Nation में ti=श होता है, वैसे ही !
Readers Poll:क्या श्रीलंका को टक्कर दे पाएगी भारतीय टीम? (इस बार से एक नया स्तम्भ आपके लिए...)

राहुल द्रविड़ की कप्तानी पर होगा बड़ा दबाव नए चेहरे और कई अनुभवी खिलाड़ियों की ग़ैर मौजूदगी के बीच भारतीय क्रिकेट टीम ने श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे सिरीज़ में शुरुआत तो अच्छी की है.सौरभ गांगुली की जगह राहुल द्रविड़ कप्तान हैं, तो महीनों बाद चोट से उबर कर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अंतरराष्ट्रीय मैच में ज़बरदस्त वापसी की है.लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम पिछले कुछ महीनों से बुरे दौर से गुजर रही थी. सौरभ गांगुली और कोच ग्रेग चैपल के बीच विवाद ने टीम को और भी नुक़सान पहुँचाया.श्रीलंका के ख़िलाफ़ वनडे सिरीज़ में टीम ने अच्छी शुरुआत की. लेकिन वनडे रैंकिंग में दूसरे नंबर पर मौजूद श्रीलंका की टीम को इतनी आसानी से नहीं लिया जा सकता.
आपको क्या लगता है. क्या नए चेहरे वाली भारतीय टीम सिरीज़ में श्रीलंका को टक्कर दे पाएगी? क्या चैपल नए खिलाड़ियों से शानदार प्रदर्शन करवा पाएँगे? क्या मास्टर ब्लास्टर इस सिरीज़ में सफल साबित होंगे? क्या भारतीय टीम चैपल-गांगुली विवाद से उबर पाएगी?
आप अपने विचार
abhivyakti_iet@yahoo.co.in पर हमें भेजें.आप सभी के विचार अगले अंक में प्रकाशित किए जाएँगे.
फ़ुलझडी
हुआ करिश्मा, हो गए झगडों के दिन दूर
साथ-साथ दिखने लगे,फ़िर दंपति कपूर
फ़िर दंपति कपूर,पति-पत्नि जो ठहरे
आसानी से नहीं टूटते, रिश्ते गहरे
इक बच्ची के प्यार ने, फ़िर से उन्हें मिलाया
दोनों ने फ़िर संग-संग फ़ोटो खिंचवाया.
श्रद्धांजली:साहित्यकार निर्मल वर्मा नहीं रहे
(लम्बी बीमारी के बाद आज २५ अक्टूबर २००५ को निर्मल वर्मा का निधन हो गया. हिन्दी साहित्य-जगत की यह एक अपूरणीय क्षति है. अभिव्यक्ति-परिवार की ओर से विनम्र श्रद्धांजली.)
निर्मल वर्मा ने भारतीय लेखन में नए आयाम जोड़े हिंदी भाषा में आधुनिक सार्वभौमिक चेतना को शब्द देने वाले प्रख्यात साहित्यकार निर्मल वर्मा नहीं रहे. फेफड़े की बीमारी से जूझने के बाद 76 वर्ष की अवस्था में दिल्ली में उनका निधन हो गया. चेक गणराज्य और लंदन में लंबा समय गुज़ारने वाले निर्मल वर्मा ने यूरोपीय जीवन की विसंगतियों को समझा और उनकी बहुत ही बारीक मानवीय व्याख्या अपनी कहानियों में की. जाने-माने कथाकार कमलेश्वर के अनुसार निर्मल वर्मा "यूरोप में पूरब की आवाज़ की तरह रहे और उन्होंने हिंदी साहित्य में आधुनिकता का एक नया आयाम जोड़ा." कहानियों और उपन्यासों के अलावा बेहतरीन यात्रा वृतांत लिखने वाले निर्मल वर्मा का जन्म 1929 में शिमला में हुआ था.
प्रमुख कृतियाँ
कहानी संग्रह--'परिंदे', 'कौवे और काला पानी', 'बीच बहस में', 'जलती झाड़ी'
उपन्यास--'रात का रिपोर्टर', 'एक चिथड़ा सुख', 'लाल टीन की छत', 'वे दिन'
यात्रा वृतांत--'धुंध से उठती धुन', 'चीड़ों पर चाँदनी'
वे अपने साथ पहाड़ों का बहुत ही खूबसूरत अनुभव लेकर आए थे, उनकी कहानियों ने पचास और साठ के दशक में हिंदी साहित्य जगत में धूम मचा दी थी.अपनी गंभीर, भावपूर्ण और अवसाद से भरी कहानियों के लिए जाने-जाने वाले निर्मल वर्मा को आधुनिक हिंदी कहानी के सबसे प्रतिष्ठित नामों में गिना जाता रहा है, उनके लेखन की शैली सबसे अलग और पूरी तरह निजी थी.
निर्मल वर्मा को भारत में साहित्य का शीर्ष सम्मान ज्ञानपीठ 1999 में दिया गया.
'रात का रिपोर्टर', 'एक चिथड़ा सुख', 'लाल टीन की छत' और 'वे दिन' उनके बहुचर्चित उपन्यास हैं. उनका अंतिम उपन्यास 1990 में प्रकाशित हुआ था--अंतिम अरण्य.
उनकी एक सौ से अधिक कहानियाँ कई संग्रहों में प्रकाशित हुई हैं जिनमें 'परिंदे', 'कौवे और काला पानी', 'बीच बहस में', 'जलती झाड़ी' आदि प्रमुख हैं.
'धुंध से उठती धुन' और 'चीड़ों पर चाँदनी' उनके यात्रा वृतांत हैं जिन्होंने लेखन की इस विधा को नए मायने दिए हैं.